सफलतम मैनेजर

कई साल पहले एक बड़े कॉर्पोरेट हाउस ने बेंगलोर में मैनेजमेंट गुरुओं का एक सम्मेलन कराया था। उसमे एक सवाल पूछा गया था।आप सफलतम मैनेजर किसे मानते हैं?विशेषज्ञों ने...रोनाल्ड रीगन से नेल्सन मंडेला तक, चर्चिल से गांधी तक,टाटा से हेनरी फोर्ड तक, चाणक्य से बिस्मार्क तक,
और न जाने कितने और नाम सुझाये।

पर ज्यूरी ने *कुछ और ही सोच* रखा था। सही उत्तर था* सफलतम प्रबंधक है..."एक आम गृहिणी ।"एक गृहिणी परिवार से किसी का *ट्रांसफर* नहीं कर सकती। किसी को *सस्पेंड* नहीं कर सकती। किसी को *टर्मिनेट* नहीं कर सकती। और, किसी को *अपॉइंट* भी नहीं कर सकती।
परन्तु फिर भी *सबसे काम करवाने की क्षमता* रखती है।
किससे*, *क्या* और *कैसे* कराना है...कब *प्रेम के राग* में *हौले से काम पिरोना* है...और कब *राग सप्तक* पर *उच्च स्वर* में *भैरवी सुना कर* जरूरी कामों को अंजाम तक पहुंचाना है...उसे पता होता है।मानव संसाधन प्रबंधन का इससे बेहतर क्या उदहारण हो सकता है? बड़े बड़े उद्योगों में भी कभी कभी इसलिए काम रुक जाता है क्योंकि *जरूरी फ्यूल* नहीं था या कोई *स्पेयर पार्ट* उपलब्ध नहीं था या कोई *रॉ मटेरियल* कम पड़ गया।पर किसी गरीब से गरीब घर मे भी *नमक* _कम नहीं पड़ता_। शायद बहुत याद करने पर भी आप को *वह दिन याद न आ पाए* जिस दिन *मां आपको खाने में* सिर्फ इसलिए कुछ नहीं दे पाई कि *बनाने को कुछ नही था* या *गैस खत्म* हो गई थी या *कुकर का रिंग* खराब हो गया था। हर कमोबेशी और हर समस्या का *विकल्प* एक गृहिणी रखती है। वो भी *बिल्कुल खामोशी* से। सामग्री प्रबंधन* एवं *संचालन*, संधारण प्रबंधन का इससे बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है ? अचानक बड़ा खर्च आ जाने पर या किसी की बीमारी पर, बाकी सब बगलें झांकने लगते हैं। लेकिन वो फटाफट पुराने संदूको में छुपा कर रखे बचत के पैसे निकालती है। कुछ गहने गिरवी रखती है।
कुछ घरों से सिर्फ साख के आधार पर उधार लेती है। पर *पैसे का इंतजाम* कर ही लाती है। संकटकालीन अर्थ प्रबंध* का इससे बेहतर क्या उदाहरण हो सकता है? निचले इलाकों में बेमौसम बारिश में घर मे पानी भरने लगे या *बिना खबर* अचानक चार मेहमान आ जाएं। सब के लिए *आपदा प्रबंधन* की योजना रहती है उसके पास। और...सारे प्रबंधन के लिए पास में है बस कुछ आंसू और कुछ मुस्कान। लेकिन...
जो सबसे बड़ी चीज होती है...वो है...जिजीविषा*, *समर्पण* और *प्रेम*।सफल गृहिणी का *सबसे बड़ा संबल* होता है *सब्र*। वही सब्र...जिसके बारे में किसी ने बहुत सटीक कहा है...*सब्र का घूंट दूसरों को पिलाना* कितना आसान लगता है*। ख़ुद पियो तो*,
*क़तरा क़तरा ज़हर लगता है*।!
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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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