Jainvratkatha एक समय विपुलाचल पर श्री वर्धमान स्वामी समवशरण सहित पधारे। तब राजा श्रेणिक ने नमस्कार करके हाथ जोड़कर प्रार्थना करी, कि महाराज...
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August 2020
यह काम परमात्मा का है, परमात्मा जाने।*''
एक पुरानी सी इमारत में वैद्यजी का मकान था। पिछले हिस्से में रहते थे और अगले हिस्से में दवाख़ाना खोल रखा था। उनकी पत्नी की आदत थी कि दवाख़ाना ख...
चेहरे से ज्यादा व्यवहार सुंदर बनाओ
इंसानियत के नाते संवेदनशील बनें, सबका साथ दें, सपोर्ट करें, सबको साथ लेकर चले, मुश्किल समय में सबका घर चलें...एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन ...
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