*स्कोप/फ्यूचर*
मैंने बालक-बालिकाओं को शास्त्री करने/कराने हेतु व्हाट्सएप समूह पर संदेश भेजा था।
एक सज्जन का संदेश आया कि "भाई साहब आपकी प्रेरणा से यदि हम बेटे-बेटियों को शास्त्री डिग्री लेने के लिए भेज तो दें पर शास्त्री करने के बाद स्कोप क्या है ? शास्त्रियों का फ्यूचर क्या है?
क्योंकि शास्त्री तो प्रवचन करते हैं पर प्रवचन सुनने वाले गांव में हैं नहीं तो ये शास्त्री होकर करेंगे क्या ?"
मैंने उन्हें कहा "भाई! शास्त्री करके स्कोप केवल प्रवचन करने का नहीं है । सच में तो *शास्त्री का फ्यूचर सच्ची समझ पूर्वक सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र प्राप्त करके भगवान बनने का है।* जो अन्य किसी उपाधि में नहीं है।"
तब वे बोले "भैया! ये परम सत्य है कि इतना उज्ज्वल व सुन्दर भविष्य शास्त्रियों का है। पर बुरा मत मानना मैं पूछता हूँ कि अभी तक कितने शास्त्री सम्यग्दृष्टि या कितने भगवान बन गए ? वह तो जब बनेंगे तब बनेंगे ।
इस स्कोप या फ्यूचर को देखकर घर तो नहीं चल सकता, शास्त्री की बहन की शादी तो नहीं हो सकती, माता-पिता की दवाइयाँ तो नहीं आ सकतीं? मकान व गाड़ी तो नहीं आ सकते अरे भाई और सब तो छोड़िए इस स्कोप के भरोसे तो शादी होना मुश्किल है। इसलिए आप तो यह बताइए कि शास्त्री लौकिक क्षेत्र में क्या कर सकता है ?"
तब मैंने उनसे कहा *"पहली बात तो यह समझ लीजिए कि कोई भी उपाधि प्राप्त करके भी जिसका जितना पुण्य और योग्यता है, उतना ही मिलेगा सबको समान नहीं मिलता।*
फिर भी आपको बता दें कि शास्त्री करके -
1- गाँव में जो सबसे बड़ा कहलाता है ऐसा पटवारी व विकास अधिकारी बन सकता है।
2- प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्च प्राथमिक, सेकेंडरी, हायर सेकेंडरी, कॉलेज, विश्वविद्यालय में अध्यापक, लेक्चरर, प्रोफेसर तक बन सकते हैं।
3- बैंक में अच्छी सर्विस प्राप्त कर सकते हैं ।
4- एमबीए करके प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर सकते हैं ।
5- पत्रकारिता में कोर्स करके अखबार टेलीविजन में काम कर सकते हैं ।
6- वकील और जज बन सकते हैं।
7- शास्त्री करके राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षाएं देकर एसडीम डीएसपी जैसे अधिकारी ही नहीं यूपीएससी की परीक्षा देकर कलेक्टर एसपी तक बन सकते हैं ।
8- अपना व्यवसाय/ उद्योग खोलकर एक अच्छे व्यापारी और उद्योगपति बन सकते हैं।
और भी बहुत कुछ करके सम्मान व सामान भी शास्त्री को मिल सकता है पर अधिकतर स्नातकों के दिल और दिमाग में आगम के अभ्यास, तत्व प्रचार प्रसार के सामने इनका मूल्य ही नहीं रह जाता।
इस तरह लौकिक क्षेत्र में भी पूरा आकाश खुला हुआ है। शास्त्री करके आजीविका के लिए किसी भी क्षेत्र में जा सकते हैं और लोकोत्तर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए, अनुकूलताओं- प्रतिकूलताओं में समता-सरलता धारण करने के लिए, सात्विक जीवन जीने के लिए, समाज परिवार व देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभाने के लिए, नैतिकता पूर्ण जीवन जीते हुए धार्मिक, आध्यात्मिक जीवन जीने हेतु तो शास्त्री की उपाधि प्राप्त करने वाले को ही प्राथमिकता है ।
इसलिए आप अपने बेटे- बेटियों को लौकिक एवं लोकोत्तर स्कोप व फ्यूचर संभालने के लिए अवश्य ही भेजें । संकोच न करें।
*और कहीं मत जाओ मेरे भैया, सब कुछ यहाँ मिल जायेगा।*
🙏🙏🙏🥁🥁🥁😊😊
प्रस्तुति
Dr. Rajkumar Jain Udaipur
*समर्पण*
समर्पण व्यक्ति नहीं भावना है।
30-4-24
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