संस्कृत में केरियर*

 *संस्कृत विषय को वैकल्पिक विषय के रूप में  क्यों चुने?*

 संस्कृत से रोजगार की अनेक संभावनाएं* -

सस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है। भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा का अटूट संबंध है। संस्कृत मात्र भाषा न होकर एक संपूर्ण जीवन दर्शन है। इसमें भारतीय संस्कृति के उच्चादर्श, सांस्कृतिक विचार और नैतिक मूल्य समाहित है। संस्कृत की सहजता, आधुनिकता और वैज्ञानिकता को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, यह एक भावना है। हमारा ज्ञान और हमारी बुद्धि ही हमारा धन है, सदियों से हमारी सभ्यता को आगे ले जाने और ‘ *वसुधैव कुटुम्बकम्’* के आदर्शों को प्राप्त करने की जिम्मेदारी हम सभी पर हैं। 

संस्कृत भाषा न केवल भारतीय    संस्कृति के आदर्शों का ज्ञान करवाती है अपितु संस्कृत का अध्येता रोजगार के क्षेत्र में भी अपार सम्भावनाएं प्राप्त कर सकता है। *ये रोजगार के अवसर सरकारी, निजी और सामाजिक सभी क्षेत्रों में उपलब्ध है।* 


 *बारहवीं कक्षा के बाद अध्ययन के क्षेत्र*  -

❇️ सभी राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों  (JNVU, RAJASTHAN UNIVERSITY etc.) और केन्द्रीय विश्वविद्यालयों (DELHI UNIVERSITY, JNU etc.) से *स्नातक /B.A.*  और *स्नातकोत्तर/M.A.*  तथा *B.ed* . डिग्री का अध्ययन किया जा सकता है।


❇️ सभी राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों  ( *JRRSU, Sansthan* etc.) और केन्द्रीय विश्वविद्यालयों ( *Central Universities, LBS* etc.) से *स्नातक /शास्त्री *  और *स्नातकोत्तर/आचार्य *  तथा *B.ed/ शिक्षा शास्त्री* . डिग्री का अध्ययन किया जा सकता है।

 

❇️ *IIT* और *IIM*  इत्यादि में *संस्कृत विषय में शोध* तथा *सूचना प्रौद्योगिकी/ Information Technology* के क्षेत्र में अपार संभावनाएं संस्कृत विषय में उपलब्ध है।

 


*रोजगार प्राप्ति के विभिन्न क्षेत्र* --





 ❇️ *प्रशासनिक क्षेत्र*


प्रति वर्ष *संघ लोक सेवा आयोग* *UPSC* में  *500 अंकों के संस्कृत साहित्य वैकल्पिक के 2 प्रश्न पत्र आयोजित होते हैं* और राज्य लोक सेवा आयोग के विभिन्न पदों के लिए संस्कृत स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।


एवं 


 *राजस्थान* में आयोजित होने वाली *RAS* की मुख्य परीक्षा के *चौथे पेपर* में 200 अंकों में से *120* अंकों के *हिन्दी व्याकरण* के  *प्रश्न* पुछे जाते हैं जो *प्रत्यक्षतः संस्कृत व्याकरण से जुड़ा हुआ* है।


❇️ *स्नातकोत्तर अध्यापक (पीजीटी/ प्रथम श्रेणी शिक्षक)*

संस्कृत से स्नातकोत्तर (एमए) परीक्षा उत्तीर्ण और अध्यापन में प्रशिक्षण (बीएड) प्राप्त विद्यार्थी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इनका चयन उच्च माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत अध्यापन के लिए किया जाता है।


❇️ *प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी/ द्वितीय श्रेणी शिक्षक)* संस्कृत से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण और अध्यापन में प्रशिक्षण (बीएड) प्राप्त विद्यार्थी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इनका चयन माध्यमिक विद्यालयों में अनिवार्य/ ऐच्छिक विषय के रूप संस्कृत अध्यापन के लिए किया जाता है।



❇️ *तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा/ REET में*  संस्कृत विषय सर्वाधिक अंकदायी और विद्यार्थियों का सबसे मनपसंद विषय है। अतः संस्कृत विषय से राजस्थान और केन्द्र सरकार और विभिन्न राज्यों की सभी शिक्षक परीक्षाओं में शिक्षक बना जा सकता है।


❇️ *आयुर्वेदिक डॉक्टर* 


     संस्कृत विषय से अध्ययन करके आयुर्वेदिक डॉक्टर बनकर भी सरकारी नौकरी प्राप्त करने का विकल्प है *जो अवसर संस्कृत के अलावा और किसी भी साहित्य विषय में उपलब्ध नहीं है।* 


❇️ *सेना में धर्म शिक्षक*

भारतीय सेना के भर्ती बोर्ड द्वारा समय समय पर अधिकारी स्तर (JCO)धर्म शिक्षक का पद विज्ञापित किया जाता है। संस्कृत से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण और शारीरिक मानदंड को पूर्ण करने वाले अभ्यर्थी इसके पात्र होते हैं।


❇️ *अनुसंधान सहायक (रिसर्च एसोसिएट)*

सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र के विभिन्न शोध-संस्थान शोध कार्य के लिए इनकी नियुक्ति करते हैं। इसके लिए अनिवार्य योग्यता संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर (एमए)/ पीएचडी है।


❇️ *सहायक आचार्य (असिस्टेंट प्रोफेसर)*

देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों और राज्य विश्वविद्यालयों में संस्कृत अध्यापन के लिए सहायक आचार्य की नियुक्ति की जाती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा और जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थी इसके लिए पात्र होते हैं।


❇️ *ज्योतिष एवं वास्तु*

संस्कृत के वैकल्पिक विषय के रूप में ज्योतिष एवं वास्तु का विशिष्ट स्थान है दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के अनेक विश्वविद्यालयों में इसका अध्यापन कार्य होता है । गृहवास्तु एवं औद्योगिक वास्तु के रूप में अध्ययन कर इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं।


❇️ *पौरोहित्य एवं कर्मकांड*

वेदों की रचना यज्ञों के लिए हुई और अमुक यज्ञ किस समय संपादित करना है यानी मुहूर्त्त के लिए ज्योतिषशास्त्र की जरूरत होती है। संस्कृत की पौरोहित्य एवं कर्मकांड विधा का अध्ययन कर रोजगार के अवसर सरलता से प्राप्त किए जा सकते हैं।


❇️ *अभिलेखशास्त्र एवं पुरातत्व विज्ञान*

संस्कृत के वैकल्पिक विषय के रूप में अभिलेखशास्त्र एवं पुरातत्वविज्ञान का अध्ययन कर इतिहास के क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं।


❇️ *संसद तथा राज्य विधानसभाओं में भाषा अनुवादक*


 हमारी *संसद* और *विधानसभाओं* तथा  *सामाजिक क्षेत्रों* और *विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों में* साहित्य एवं विभिन्न *भाषा के पत्रों के अनुवाद* के लिए इनकी नियुक्ति की जाती है। *संस्कृत से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण और अनुवाद में डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थी इसके पात्र होते हैं* ।


❇️ *बैंकों में राजभाषा अधिकारी का प्रथम श्रेणी का पद* 

 सभी सरकारी और निजी बैंकों को अपनी सेवाओं की जानकारी आम आदमी तक पहुंचाने के लिए हिन्दी भाषा अनुवादक आवश्यक रूप से रखना अनिवार्य है। और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस पद के लिए हिन्दी साहित्य के छात्र के स्थान पर *संस्कृत साहित्य के अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाती है*। अतः संस्कृत में स्नातक और स्नातकोत्तर करने के बाद राजभाषा अधिकारी बनने का भी सुनहरा अवसर होता है। जिसकी *हर वर्ष परीक्षा IBPS संस्था करवाती है।* 



❇️ *योग शिक्षक*

योग के माध्यम से किस प्रकार से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है, इसके लिए सभी निजी और सरकारी संस्थानों में योग शिक्षक की नियुक्ति की जाने लगी है। योग शिक्षा में डिप्लोमा या अन्य उपाधि प्राप्त कर सरलता से देश या विदेश में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है।


❇️ *पत्रकार एवं समाचार वाचक*

संस्कृत से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण व पत्रकारिता में प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी इसके पात्र होते हैं। डीडी न्यूज चैनल पर प्रसारित संस्कृत वार्ता और वार्तावली की लोकप्रियता से युवाओं का इस ओर आकर्षण बढ़ा है।


❇️ *दार्शनिक एवं समाज-सुधारक*

संस्कृत भाषा चूंकि जीवन दर्शन है और इसमें निहित संस्कारों की अनुपालना कर एक अच्छे समाज का निर्माण किया जा सकता है। ऐसे दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में भी संस्कृत का विशिष्ट महत्त्व है।


❇️ *संगणक भाषा विज्ञान*

चूंकि *संस्कृत भाषा कंप्यूटर के लिए आदर्श भाषा है* और विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसलिए संस्कृत की इस विधा का भी अध्ययन कर रोजगार के अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं।


इस प्रकार कहा जा सकता है संस्कृत न केवल *संस्कृत अध्येता को आस्तिक, भारतीय संस्कृति के मूल्यों से युक्त संस्कारवान्* बनाती है अपितु *अग्रिम अध्ययन और रोजगार के भी अनेक अवसर प्रदान करती है।* 


 *जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्* 


 *निवेदक*


*राकेश कुमार* 

व्याख्याता संस्कृत

🙏🙏

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment